इसी कश्मकश में है ज़िंदगी
तुझे पा सकूं ना भूला सकूं
मैं परेशां फिर इस दिल से हूं
मैं तड़पना इसका ना सह सकूं
ना मैं कह सकूं ना यूं रह सकूं
बिन तेरे ये ज़ीस्त अब कैसे कटे
ना मैं बढ़ सकूं ना मैं थम सकूं
जो तुने भी ठुकरा दिया है
मैं क्या करूं मैं ना जी सकूं
तुने दे तो दी मुझे रुखसती
पर क्या करूं मैं ना चल सकूं
बड़ी तेज़ है हवा अभी
मुझे थाम ले मैं ना गिर पडूं
तू बुझा भी दे ये चांदनी
कहीं यूं ना हो मैं जल मरूं
जो दिया ये तुने है फैसला
इसे कुछ भी ना मैं समझ सकूं
किये वादे हमने थे साथ साथ
उन्हें तन्हा कैसे मैं निबाह लूं
तेरा ज़ख़्म कितना अजीज़ है
इसे दिल से ना मैं मिटा सकूं
पूर सुकून है ये ख़ामोशी
कहूं तो लगे गुनाह करूं
क्यों लगे है सच्चा ये सन्नाटा
क्या उमर यूं ही मैं गुज़ार दूं
तुझे पा सकूं ना भूला सकूं
मैं परेशां फिर इस दिल से हूं
मैं तड़पना इसका ना सह सकूं
ना मैं कह सकूं ना यूं रह सकूं
बिन तेरे ये ज़ीस्त अब कैसे कटे
ना मैं बढ़ सकूं ना मैं थम सकूं
जो तुने भी ठुकरा दिया है
मैं क्या करूं मैं ना जी सकूं
तुने दे तो दी मुझे रुखसती
पर क्या करूं मैं ना चल सकूं
बड़ी तेज़ है हवा अभी
मुझे थाम ले मैं ना गिर पडूं
तू बुझा भी दे ये चांदनी
कहीं यूं ना हो मैं जल मरूं
जो दिया ये तुने है फैसला
इसे कुछ भी ना मैं समझ सकूं
किये वादे हमने थे साथ साथ
उन्हें तन्हा कैसे मैं निबाह लूं
तेरा ज़ख़्म कितना अजीज़ है
इसे दिल से ना मैं मिटा सकूं
पूर सुकून है ये ख़ामोशी
कहूं तो लगे गुनाह करूं
क्यों लगे है सच्चा ये सन्नाटा
क्या उमर यूं ही मैं गुज़ार दूं
No comments:
Post a Comment